अभिव्यक्ति
Sunday 25 March 2018
इस बसंत
इस बसंत
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इस बसंत
तेरी याद
नरम गरम धूप सी
कभी सरसों के फूलों की
पीली नरम आंच सी
कभी पलाश के फूलों की
लाल दहकती आग सी
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