Sunday 25 March 2018

इस बसंत



इस बसंत
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इस बसंत
तेरी याद
नरम गरम धूप सी
कभी सरसों के फूलों की
पीली नरम आंच सी
कभी पलाश के फूलों की
लाल दहकती आग सी 
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Friday 23 March 2018

होना




होना 
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हक़ीक़त ना सही

स्वप्न बन रहो

सच ना सही

झूठ बन रहो

आस ना सही

निराशा बन रहो

फूल ना सही

शूल बन रहो

दोस्त ना सही

दुश्मन बन रहो

हर पक्ष का एक प्रतिपक्ष होता है

पक्ष ना सही
प्रतिपक्ष बन रहो
बस बने रहना
बने रहना ही
दुनिया की सबसे बड़ी नेमत

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क्या पूर्ण रूपेण निरपेक्ष भी कुछ होता है ?