Friday 9 June 2017

जब भी ये दिल उदास होता है







जब भी ये दिल उदास होता है 
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सुनो 
कभी मत होना उदास 
कि नहीं हूँ मैं 
तुम्हारे आस पास 


बस ज़रा खुद से बाहर आना 
देखना पत्तों पर ठहरी ओस की बूंदों को 
और महसूसना मेरे मन के गीलेपन को  
सुनना पक्षियों के कलरव को 
और महसूसना मेरे दिल की धड़कनों को 
थोड़ी देर ठहरना ऐसे ही 
लिपटना हवा के झोंकों से  
और महसूसना मेरी साँसों की कम्पन को 
थोड़ी सी मिट्टी हाथ में लेना 
घोलना अपनी आँख के पानी को 
और महसूसना मेरी देह गंध को 
थोड़ी देर बाहर ही रहना 
खुद को हवाले कर देना रिमझिम फुहारों के 
कि खुद ही महकने लगोगी मेरे प्रेम की कस्तूरी से 

और जान जाओगी 
मैं वहीं कहीं हूँ 
वहीं कहीं 
तुम्हारे पास ! 
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जब भी ये दिल उदास होता है 
जाने कौन आस पास होता है !








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