अभिव्यक्ति
Monday 28 March 2016
इंतज़ार
तेरे इंतज़ार के सफर में
यादें मील का पत्थर बनती गयीं
ना सफर मुकम्मल हुआ
ना यादों का सिलसिला रूका।
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ये सफर कभी ख़त्म ही नहीं होता।
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