Tuesday 7 April 2015

बेटी का होना


एक 

जैसे सूरज के होने से 

दिन का होना 
रात होने से 
होना चाँद सितारों का 

जैसे आकाश के होने से 

विस्तार का होना 
सागर होने से  
होना गहराई का 

जैसे बसंत के होने से 

कूकना कोयल का 
सावन होने से 
झूलों का पड़ना 

जैसे साँसों के होने से 

जीवन का चलना 
तेरे होने से 
होना मेरा। 


दो 


तेरा हँसना 

सर्द में धूप का खिलना 

तेरा मुस्कराना 

रात में चांदनी का फैलना 

तेरा स्पर्श 

सारी खुशियों का दामन में सिमट आना  

तेरा रोना 

सावन में फुहार का गिरना 

तेरा रूठना 

आसमान में बादलों का घिरना 

तेरा बोलना 

राग मल्हार को सुनना 

और तेरा होना 

जीवन में अर्थ का होना। 



तीन 



तेरा होना 

मन में आशंकाओं का घुमड़ना 

तेरा होना 

माथे पे चिंता की लकीरों का खिंचना 

तेरा होना 

दहेज़ का बंधक होना 

तेरा होना 

जल कर मरने की खबरों का होना 

तेरा होना 

15 /12 का होना 

तेरा होना 

मन में डर के दरिया का बहना। 


चार



तेरा होना 

सरोज स्मृति का लिखा जाना